नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिऐ एक ऐसी फसल लेके आए है. जिसकी खेती करके आप लाखो रुपए कामा सकते है.
आजकल किसानों का रुझान भी ऐसी फसल की तरह अधिक जा रहा है. जो कम समय में अधिक मुनाफा दे सके .इसीलिए हम आपको ऐसी ही फसल के बारे में बताने जा रहे है. जिसे आप 3 महीने में तैयार करके बहुत अच्छा मुनाफा कामा सकते है.
क्या आप भी किसान है और खेती से कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते है. तो आपको कद्दु की खेती जरूर करनी चाहिए. जी हा दोस्तो कद्दू की खेती को अगर सही तरीके से किया जाय तो इससे बहुत बड़ा लाभ कमाया जा सकता है.
चलिए जानते है कद्दु की सब्जी की खेती कैसे शुरू की जाए. लेकिन आर्टिकल में आगे बढ़ने से पहले हम आपसे निवेदन करना चाहेंगे की इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

कद्दू की खेती कैसे शुरू करें ( How To Start Pumpkin Farming )
कद्दू की खेती करना कोई कठिन काम नहीं है. इसे कोई भी किसान आसानी से शुरू कर सकता है. इसके लिए अधिक पढ़ा लिखा होना भी जरूरी नहीं है सिर्फ थोड़ी बहुत कीटनाशक की जानकारी होना चाहिए, ताकि अपनी फसल को कीटनाशकों के प्रकोप से बचाया जा सके.
कद्दू की खेती के लिए भूमी एवं जलवायू ( Land And Climate )
कद्दू की खेती करने के लिए दोमट और बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. अधिक पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.8 तक होना चाहिए.
और कद्दु की खेती के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती हैं. इसके लिए 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान होना चाहिए.
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कद्दू की बुवाई का समय ( Pumpkins Planting Time )
इस फसल की बुवाई का समय अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकता है. मैदानी इलाकों में कद्दू की बुवाई साल में दो बार की जाती है. जिसमें बुवाई का समय फरवरी से मार्च और जून से जुलाई का समय बहुत अच्छा माना जाता हैं. लेकिन पहाड़ी इलाकों में इसकी बुवाई मार्च-अप्रैल में की जाती है. और वही नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों में इसकी बुवाई दिसंबर में भी कर सकते हैं.
बिज की मात्रा ( Amount Of Seed )
एक एकड़ जमीन में 2.5 से 3 किलो बीज पर्याप्त होता है.
यह बीज आपको किसी भी बीज भंडार की दुकान पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा.
किट व रोग पर नियंत्रण ( kit And Disease Control )
अधिक उत्पादन निकालने के लिए हमे किट व रोग पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है. कद्दू की फसल में विभिन्न प्रकार के किट व रोग लगने का खतरा बाना रहता है. जिसमे लालड़ी किट भी शामिल है. इससे पोधा नस्ट होने का खतरा बना रहता है. इसका प्रकोप तब आता है जब पोधे पर दो पत्तियां निकलने लगती है.
यह किट पत्तियों और फूलों को खा जाता है. इस पर नियंत्रण करने के लिए 50 दिन पुराना गोमूत्र डालना होगा. लेकिन डालने से पहले करीब 15 लीटर गोमूत्र को तांबे के बर्तन में रखकर 5 किलोग्राम धतूरे की पत्तियां एवं तने के साथ उबालें. जब गोमूत्र उबल कर 7.5 लीटर हो जाए, तब इसे आग से उतारकर ठंडा कर ले और फिर इसे छानकर जरूरत के हिसाब से छिड़काव कर करे.
पर्याप्त सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण ( Lrrigation And Weed Control )
कद्दू की फसल में जायत के मौसम में हर हफ्ते सिंचाई करने की आवश्यकता होती है. जबकि बरसात के मौसम में इसमें सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन ज्यादा पानी वाले इलाकों में जल निकासी करने की व्यवस्था भी करनी पड़ती है. और वही ग्रीष्मकालीन या सूखे मौसम में हर 8 से 10 दिन के अंतराल में सिंचाई करनी पड़ती है.
और रही बात खरपतवार की तो आपको समय-समय पर फसल में से खरपतवार निकालना बहुत जरूरी है. क्योंकि अगर खरपतवार नहीं निकाला जाए तो कद्दू के पौधे में किट लगने का डर बना रहता है. और यह पौधे को बढ़ने नहीं देती हैं. इसीलिए समय-समय पर फसल में तीन से चार बार निराई-गुड़ाई करवा ले.
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देसी खाद का उपयोग करें ( Ase Organic Fertilizers )
कद्दू की अच्छी पैदावार के लिए आपको खाद का उपयोग जरूर करना होगा. खेत की आखरी जुताई के समय एक हेक्टेयर जमीन में लगभग 40 से 50 क्विंटल सड़ा हुआ गोबर, 20 किलोग्राम नीम की खली और 30 किलो अरंडी की खली मिलाकर इसे खेत में समान मात्रा में बिखर देना है .और फिर खेत की आखरी जुताई करें. जब खेत अच्छी तरह से तैयार हो जाए उसके बाद ही कद्दू के बीज की रोपाई करनी है.
कद्दू की कटाई का समय एवं उत्पादन क्षमता ( Pumpkin Harvesting Time And Production Capacity )
कद्दू की फसल बुवाई के 75 से 90 दिन बाद हरे फल कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. फल को तेज चाकू से अलग करना चाहिए, ताकि बेल खराब ना हो. इस की कटाई आप बाजार की मांग के अनुसार कर सकते हैं.
और रही बात इसके उत्पादन क्षमता की तो एक हेक्टेयर जमीन में लगभग 250 से 300 क्विंटल उत्पादन निकाला जा सकता है.

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अर्जुन पाटीदार है. मैं पिछले दो सालों से कंटेंट राइटिंग कर रहा हूं, यह ब्लॉग इसी वर्ष शुरू किया है । इस ब्लॉग को बनाने का मुख्य उ्देश्य लोगों को नए नए बिजनेस आईडिया के बारे में बताने का है.